Monday, October 13, 2014

कुछ शेर-१

इसको छूकर देखा है क्या तुमने
खुशबू इससे तुम सी क्यों आती है?

प्यास भी बो रहा है वही
बेचता है जो पानी यहाँ


गीता  पे रख हाथ वो सच ना बोला लेकिन  
नोंक पे चाकू की उसने  सब मान  लिया 
नयी है नस्लें, नयी है फसलें, अलग बिछड़ना, अलग ये मिलना
कहाँ की दूरी,कहाँ के आँसू, कहाँ वो छुप-छुप के सबसे मिलना

जो देखना हो कद किसी भी पेड़ का  
उसके पैरों में फैला साया देखना

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