तेरी यादों मे जल के
देखे
हम भी थोड़ा पिघल के
देखे
बात मेरी वो सुनता
नहीं
अब सलीका बदल के
देखे
कोई बदलाव करके देखे
कुर्सियाँ सब बदल के
देखे
कानों पे ना यकीं हो मुझे
माजरा क्या है चल के देखे
शोर थम तो गया शहर
में
घर से बाहर निकल के
देखे
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