भीख मांगते
सड़क पर, दो दो नन्हे
फूल
काटे ये सज़ा
देखो, किसी और की भूल
विद्या का हर
दिन यहाँ, होता है
अपमान
ज्ञान के ऊपर
हावी, होता आज अज्ञान
हर माँ को बस लगे
है, सुन्दर अपना लाल
काला टीका
देखिये, लगा हुआ हर गाल
आते लौट के पंछी, नीड़ो के ही पास
घर सा लगता कब भला, खुला खुला आकाश
जा तक लेने से
नही, डरती है ये आन
ना जाने कब
मिलेगा, यहाँ प्यार को मान
Nice one sir
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